NRC क्या है? NRC के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स और पात्रता

NRC क्या है? NRC के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स और पात्रता क्या हैं?

NRC जिसका कि फुल फॉर्म National Register Of Citizenship है. यह एक रजिस्टर की तरह है जिसमें भारत के सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. NRC या नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजनशिप का मुख्य उद्देश्य अन्य देशों से आए अवैध घुसपैठियों की पहचान करके उन्हें देश से बाहर निकालना है. 

इस समय पूरे देश में NRC और CAA (Citizenship Amendment Bill) की चर्चा है और गृह-मंत्री अमित शाह संसद में बोल चुके हैं कि पूरे देश में National Register of Citizenship बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी. इस पोस्ट में हम आपको NRC क्या है और उसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ों के बारे में पूरी जानकारी देंगे. 

NRC क्या है?

NRC (National Register Of Citizens) एक तरह का रजिस्टर है जिसमें भारत में रहने वाले सभी नागरिकों का रिकॉर्ड किया जाता है. NRC के अंदर आने वाला व्यक्ति इंडिया का एक वैध नागरिक होता है और उसे भारत के संविधान में लिखित सभी अधिकार और सरकारी सुविधाएँ उठाने की स्वतंत्रता होती है. 

NRC की प्रक्रिया के तहत भारत में रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा निर्धारित दस्तावेज़ दिखा-कर यह साबित करना पड़ेगा कि उसका जन्म भारत में ही हुआ है या फिर उसने तय नियमों के अंदर ही भारत में प्रवेश लेने के बाद यहाँ की नागरिकता हासिल की है. 

सबसे पहले 1951 में NRC तैयार किया गया था. उस समय सभी भारतीय जो उस समय की जनगणना में शामिल थे उन्हें भारतीय नागरिक माना गया था. 1951 के बाद इसे अपडेट करने की मांग लगातार होती रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार NRC रजिस्टर को अपडेट करने के निर्देश सरकार को दिए हैं.

1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बंग्लादेश बनने के बाद देश के कई राज्यों और खासकर नार्थ-ईस्ट के राज्यों में घुसपैठियों की संख्या लगातार बढ़ती गई है. असम और अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों में NRC लागू करने के लिए कई बार आन्दोलन हुए हैं.

2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद असम में NRC लागू करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई और 31-August-2019 को NRC का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया गया. इस प्रक्रिया में असम के अंदर लगभग 19 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित करने में नाकाम हुए हैं. इन सभी लोगों को अभी अपनी नागरिकता साबित करने करने के अन्य मौके दिए जाएंगे और जो लोग उसके बाद भी अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. 

NRC का फुल फॉर्म है National Register of Citizens, इसका हिन्दी में अर्थ होता है ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’. NRC के अन्य फुलफॉर्म यहाँ देखें.

NRC (National Register Of Citizens) की जरूरत क्यों पड़ी?

आज़ादी के बाद से ही देश में अवैध घुसपैठियों की समस्या रही है. पड़ोसी देशों के लोग अवैध तरीके से देश में प्रवेश करते हैं जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बंग्लादेश के बनने के बाद पूरे पूर्वोत्तर और पश्चिमी बंगाल में बंग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ती गई. असम और अन्य पूर्वी राज्यों में घुसपैठियों को बाहर करने के लिए लगातार आन्दोलन हुए जिसकी वजह से सरकार ने पहले असम और फिर पूरे देश में NRC लागू करने का फैसला लिया. 

NRC का इतिहास और उससे जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम (NRC History)

आज़ादी के बाद 1951 में पहला राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनने के बाद NRC को लेकर समय-समय पर कई फैसले लिए गए. 1951 से अब तक NRC को लेकर हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रम आप नीचे देख सकते हैं.

  • सन 1951 में देश का पहला National Register Of Citizens तैयार किया गया, उस समय के सभी लोगों को इसमें शामिल किया गया.
  • सन 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ. पाकिस्तान से अलग होकर बंग्लादेश का गठन हुआ.
  • 1970-1980: बंग्लादेश से शरणार्थियों एवं अवैध घुसपैठियों का आना बहुत तेजी से बढ़ गया जिससे पूर्वोत्तर के राज्यों में स्थानीय निवासियों और घुसपैठियों के बीच संघर्ष बढ़ने लगा.
  • 1979: अखिल आसाम छात्र संघ (AASU) द्वारा घुसपैठियों की पहचान और उन्हें वहाँ से बाहर निकालने के लिए व्यापक स्तर पर आन्दोलन शुरू किया, जिसके बाद असम गण परिषद की स्थापना हुई. यह आन्दोलन लगभग 6 साल तक चला. 
  • 1985: 15 अगस्त 1985 को तत्कालीन सरकार और आन्दोलनकारियों के बीच असम समझौते (Aasam Accord) पर सहमति बनी. उस समय असम में NRC लागू करने की योजना बनाई गई.
  • 1985 के बाद अनेकों बार NRC की चर्चा की गई लेकिन उसे कभी लागू नहीं किया गया.
  • 2012-2013: सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद नागरिक सत्यापन की प्रक्रिया दिसम्बर 2012 में प्रारंभ की गई.
  • 2015: सन 2015 में असम सरकार ने NRC सत्यापन के आवेदन माँगना शुरू किया. 
  • 2017: 31 दिसंबर, 2017 के दिन असम सरकार द्वारा NRC का पहला संस्करण प्रस्तुत किया और 31-अगस्त-2019 को ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ की अंतिम सूची जारी की गई.
  • दिसम्बर 2019 में नागरिकता संशोधन बिल की बहस के दौरान गृह-मंत्री अमित शाह ने पूरे देश में NRC रजिस्टर लागू करने का ऐलान किया.
NRC history and timeline in hindi
NRC Timeline Since Independence

असम और पूरे देश की NRC प्रक्रिया में क्या अंतर है?

असम में जब NRC की प्रक्रिया लागू की गई तो वहाँ के नागरिकों को यह साबित करना था कि वह 25 मार्च 1971 (बंग्लादेश गठन) के पहले से इंडिया में रहते हैं. असम में ऐसा असम समझौते के तहत किया गया. देश के अन्य हिस्से में जब ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तो वहाँ नियमों में के अंदर सरकार द्वारा कुछ राहत दिए जाने की पूरी संभावना है. अगले संसद सत्र में इसे पूरे देश में लागू किए जाने का मसौदा संसद में पेश किया जा सकता है.

हाल ही में सरकार द्वारा कन्फर्म किया गया कि असम को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए 1971 से पहले के डाक्यूमेंट्स जमा नहीं कराने पड़ेंगे. NRC सत्यापन के लिए काम मैं आ सकने वाले दस्तावेज़ों की लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं.

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NRC के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स क्या हैं? (Required Documents For NRC)

जब पूरे देश में NRC की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तो अपनी नागरिकता साबित करने के लिए जिन डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ेगी उसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किये गए हैं. लेकिन सरकार ने इस बात के साफ़ संकेत दिए हैं कि किसी भी ऐसे डॉक्यूमेंट से जो आपके जन्म के स्थान और समय को साबित करता हो, वो डॉक्यूमेंट आपकी नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त रहेगा.  

नागरिकता साबित कर सकने वाले डॉक्यूमेंट की लिस्ट इस प्रकार है: 

  • आधिकारिक संस्था द्वारा जारी किया गया आपका जन्म प्रमाण पत्र. अगर आपके पास आपका जन्म प्रमाण पत्र नहीं है तो आप अपने माता-पिता का बर्थ सर्टिफ़िकेट भी दिखा सकते हो. 
  • शैक्षिक संस्थाओं द्वारा जारी सर्टिफ़िकेट जो आपकी जन्म-तिथि का ब्योरा देते हों.
  • जमीन, घर या राजस्व के कागजात 
  • इंडियन गवर्नमेंट द्वारा जारी पासपोर्ट 
  • रिफ्यूजी होने का वैध प्रमाण-पत्र (कम से कम 6 साल पहले का)
  • वोटर आई-डी कार्ड / राशन कार्ड / वैध आधार कार्ड इत्यादि.
  • नागरिकता अधिनियम संशोधन 2004 के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति या उसके माता-पिता का जन्म 1987 से पहले हुआ है वह क़ानून द्वारा स्वतः: ही भारत का नागरिक साबित हो जाता है.

भारत सरकार ने साफ़ किया है कि National Register of Citizens केवल देश के वैध नागरिकों का रिकॉर्ड दर्ज करने का प्रोसेस है जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी किसी भी वैध दस्तावेज़ के जरिए अपनी नागरिकता साबित की जा सकती है.

इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि NRC Kya Hai? NRC कब पहली बार लागू किया गया और NRC में नाम शामिल करने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स क्या हैं. अगर आपके मन में NRC प्रोसेस को लेकर कोई भी सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं.


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